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लेखनी प्रतियोगिता -19-Feb-2023


आ किसी मजबूर के 
चेहरे को हम हंसता बनाये।
कब तलक रस्ता कयामत
का तकें, रस्ता बनाएं।

एक रोटी के कई टुकड़े
बना ले बांट दे
पैर में कंकर चुभे हो
हंस के उनको छांट दे
मुश्किलें भी जब डराएं
दिखा आंखें डांट दे
इस तरह हंसते हुए
जीवन का रस्ता काट दे।
दिल लगाएं मुश्किलों से
हंस के उनको आजमाएं
कब तलक रस्ता कयामत का
तकें, रस्ता बनाएं।

जो मिला काफी मिला
जो न मिला कुछ भी नहीं था
मेरे हाथों में मुकद्दर के
सिवा कुछ भी नहीं था
रास्तों में रेत थी छांव
को कुछ भी नहीं था
मुश्किलों को बता आया
मैं कहीं कुछ भी नहीं था।
रूढ़ियों की रेत में आशा
का एक दरिया बहाएं।
कब तलक रस्ता कयामत का
तकें रस्ता बनाएं।

सारी बातें सब शिकायत
बहुत पीछे छोड़ आया
मैं तुझे मिलने की खातिर
खुद को पीछे छोड़ आया
ये मेरे पैरों से बहता खून
भी कुछ कह पड़ेगा
राह के कांटों को मिलकर
वहीं उनको छोड़ आया
आ गले लग के मुझे मिल
फिर कयामत ही मिलाए
कब तलक रस्ता कयामत का 
तकें रस्ता बनाएं।



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8 Comments

Sushi saxena

22-Feb-2023 07:42 PM

बेहतरीन

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Renu

20-Feb-2023 08:21 PM

👍👍🌺

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बहुत खूब

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